लद्दाख जो है भारत मां की गोद में छुपा हुआ एक अनमोल खज़ाना
लद्दाख जो है भारत मां की गोद में छुपा हुआ एक अनमोल खज़ाना
सुंदरता या खूबसूरती एक तत्त्व है। खूबसूरती जब अपने पूरे उफान पर हो तो ऐसे में खूबसूरती या सुंदरता को परिभाषित करना अपने आप में एक बेहद ही जटिल काम है। बहरहाल आज हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के एक ऐसे खूबसूरत शहर के बारे में जिसकी सुंदरता की जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है। इस स्थान की खूबसूरती ऐसी है कि जिसे शब्दों में पिरोना लगभग असंभव है। लद्दाख को निहारें खूबसूरत तस्वीरों में मज़ेदार बात ये है कि ये स्थान जितना सुन्दर है यहां के लोग उतने ही शालीन विनम्र और सुसंस्कृत हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं भारत के गौरव लद्दाख की, जो उत्तर भारत के जम्मू और कश्मीर प्रान्त में एक धरातल है इसके उत्तर में काराकोरम पर्वत और दक्षिण में हिमालय पर्वत है। यह भारत के सबसे विरल जनसंख्या वाले भागों में से एक है।
लद्दाख जिले का क्षेत्रफल 97,776 वर्ग किमी. है। इसके उत्तर में चीन तथा पूर्व में तिब्बत की सीमाएँ हैं। सीमावर्ती स्थिति के कारण सामरिक दृष्टि से इसका बड़ा महत्व है। इसे लास्ट संग्रीला, लिटिल तिब्बत, मून लैंड या ब्रोकन मून आदि के नाम से भी जाना जाता है। आपको बताते चलें कि लद्दाख के समीप कुछ प्रमुख पर्यटन-स्थल जैसे, अलची, नुब्रा घाटी, हेमिस, लमयोरू, जांस्कर घाटी, कारगिल, और पैंगांग भी स्थित हैं। अगर आप चाहें तो यहां आने के बाद इन स्थानों की भी यात्रा कर सकते हैं। सुन्दर झीलें और मठ, मन को सम्मोहित कर देने वाले परिदृश्य और पहाड़ की चोटियाँ यहाँ की आकर्षक विशेषताएँ हैं। अगर राज्य में बोली जानें वाली भाषाओँ पर चर्चा करें तो मिलता है कि लद्दाखी, पुरिग, तिब्बती, हिन्दी एवं अंग्रेजी यहां की मुख्य भाषा है। लद्दाख, विश्व के दो प्रमुख पर्वत श्रृंखलाओं, काराकोरम और हिमालय के बीच, समुद्र की सतह से 3500 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसके अतिरिक्त, जांस्कर और लद्दाख की समानांतर पर्वतमालाएँ, लद्दाख की घाटी को चारों ओर से घेरती हैं। लद्दाख के इतिहास पर एक नज़र डालें तो पता चलता है कि लद्दाख मूल रूप से किसी बड़ी झील का एक डूब हिस्सा था, है, जो कई वर्षों के भौगोलिक परिवर्तन के कारण, लद्दाख की घाटी बन गया। बौद्ध धर्म इस क्षेत्र का प्रमुख धर्म है, मठ या गोम्पा, लद्दाख के आकर्षणों की सूची में प्रमुख विशेषता रखते हैं। हेमिस मठ, शंकर गोम्पा, माथो मठ, शे गोम्पा, स्पितुक मठ, और स्तकना मठ जैसे कुछ मठ इस क्षेत्र के सबसे उल्लेखनीय मठों में से हैं।
लद्दाख की यात्रा का सबसे अच्छा समय
आने वाले टूरिस्ट मई से सितम्बर के बीच किसी भी समय लद्दाख यात्रा की योजना बना सकते हैं। इस समय यहाँ का मौसम खुशनुमा होता है और आप एक बार में ही सम्पूर्ण लद्दाख का लुत्फ़ ले सकते हैं।
लद्दाख कैसे पहुंचें
रेल सड़क और वायु मार्ग द्वारा आसानी से लद्दाख आया जा सकता है। लद्दाख आने के लिए देश के सभी प्रमुख शहरों से फ्लाइट और ट्रेनों की व्यवस्था है।
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